भोपाल रविवार 16 फरवरी 2020.। कांग्रेस पार्षद और उनके समर्थकों के विरोध के बीच रविवार को किलोल पार्क क्षेत्र में रानी कमलापति की प्रतिमा का अनावरण महापौर आलोक शर्मा और भारतीय जनता पार्टी विधायकों की मौजूदगी में किया गया। कार्यक्रम में प्रशासन का सहयोग नहीं मिलने से नाराज महापौर मिंटोहाल स्थित गांधी प्रतिमा के सामने धरना देने पहुंच गए। जिले के प्रभारी मंत्री गोविंद सिंह ने कहा है कि इस कार्यक्रम की मंजूरी नहीं ली गई थी। पूरा कार्यक्रम अनाधिकृत रूप से हुआ है। अनावरण कार्यक्रम की खास बात ये थी कि इसमें कांग्रेस पार्षद गिरीश शर्मा पूरे समय मौजूद रहे।
नगर निगम भोपाल की ओर से आयोजित इस लोकार्पण समारोह स्थल के आसपास राजनीति के मंजर भी दिखायी दिए। इस कार्यक्रम में मंत्री डॉ गोविंद सिंह, आरिफ अकील, जयवर्धन सिंह और पी सी शर्मा को भी आमंत्रित किया गया था, लेकिन वे नहीं पहुंचे। समारोह में पूर्व मंत्री विश्वास सारंग, पूर्व महापौर कृष्णा गौर और भाजपा से जुड़े अनेक पार्षद मौजूद थे। वहीं कांग्रेस की क्षेत्रीय पार्षद शबिस्ता जकी और उनके पति आसिफ जकी अपने समर्थकों के साथ कार्यक्रम का विरोध करने इस तर्क के साथ पहुंची कि प्रतिमा स्थल के आसपास की भूमि पर कब्जा किया गया है। यह इस क्षेत्र के रहवासियों के साथ अन्याय है।
पुलिस के सख्त सुरक्षा इंतजामों के बीच क्षेत्रीय पार्षद जकी और उनके समर्थकों को एक क्षेत्र विशेष से आगे नहीं बढ़ने दिया गया। इसके चलते उन्होंने वहीं पर कुछ देर के लिए धरना दिया। वहीं महापौर आलोक शर्मा ने आरोप लगाया कि राज्य की कांग्रेस सरकार के मंत्री गौंड वंश का प्रतिनिधित्व करने वालीं रानी कमलापति के प्रतिमा अनावरण समारोह में नहीं आए, जबकि उन्हें विधिवत नगर निगम की ओर से आमंत्रित किया गया था। यह गौंड समुदाय का अपमान है। प्रतिमा स्थल के पास छोटे तालाब पर एक सेतु (ऑर्क ब्रिज) काफी हद तक बनकर तैयार हो गया है, लेकिन कुछ भवनों के अवरोध के रूप में होने के कारण इसका कार्य आगे नहीं बढ़ पा रहा है। यह सेतु पुराने भोपाल के किलोल पार्क क्षेत्र में बनाया जा रहा है।