नई दिल्ली मंगलवार 18 फरवरी 2020. टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बनाए रखेगा। यह जानकारी न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से दी। तुर्की और मलेशिया ने पाकिस्तान को अपना समर्थन दिया है। दरअसल, एफएटीएफ ने जून 2018 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल दिया था। संस्था ने पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट से बचने के लिए 27 सूत्रीय एक्शन प्लान सौंपा था। अगर पाकिस्तान इस प्लान पर ठीक से काम नहीं करता है तो संस्था उसे ब्लैक लिस्ट कर सकती है।
इसी के चलते पाकिस्तान पिछले कुछ दिनों से एफएटीएफ को भरमाने में लगा है। पेरिस में एफएटीएफ की बैठक जारी है। इसमें पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से हटाकर ब्लैक लिस्ट में रखे जाने पर फैसला होगा।
पाकिस्तान बोला- मसूद लापता मगर वो वहीं मौजूद
12 फरवरी को आतंकी संगठन जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद को सजा सुनाई गई थी। इसके महज पांच दिन बाद मसूद के लापता होने की खबर सामने आई। पाकिस्तान ने दावा किया था कि आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) का सरगना मसूद अजहर पाकिस्तान आर्मी की कैद से लापता हो गया है। हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मसूद पाकिस्तान में ही है। उसे पाकिस्तानी सेना ने सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया है। उसे बहावलपुर में जैश-ए- मोहम्मद के नए मुख्यालय ‘मर्कज उस्मान-ओ-अली’में रखा गया है।
एफएटीएफ ने पाकिस्तान को चेतावनी दी थी
एफएटीएफ ने सोमवार को पाकिस्तान का नाम लिए बिना चेतावनी देते हुए कहा, “आतंकी फंड जुटाने के लिए नए तरीके अपना रहे हैं। वे सोशल मीडिया के जरिए नए फॉलोवर्स की पहचान कर रहे हैं और अपनी फंडिंग और अन्य सुविधाएं जुटाने के रास्ते बना रहे हैं। एफएटीएफ लगातार नए पेमेंट के तरीकों की पहचान कर अवैध लेनदेन रोकने में जुटा है। संस्था ने टेरर फंडिंग पर लगाम लगाने के लिए कड़े मानक लागू किए हैं ताकि आईएसआईएस और अल-कायदा जैसे संगठनों के पैसे जुटाने पर असर पड़े। हालांकि, अब भी कई आतंकी संगठन अवैध गतिविधियों के जरिए फंड जुटाने में लगे हैं।”