मुंबई शुक्रवार 7 फरवरी 2020. . पिछले 6 साल में बैंक डिपॉजिट की ब्याज दरों में तेजी से कमी आई है। इस दौरान देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई की 1-2 साल की अवधि की एफडी पर ब्याज दर 3% घट चुकी है। एसबीआई ने अभी जो कटौती की है उसके बाद 1-2 साल की एफडी पर 6% ब्याज मिलेगा। 2014 में इसकी दर 9% थी। सीनियर सिटीजंस के लिए 1-2 साल की एफडी पर एसबीआई की ब्याज दर 6 साल में 2.75% घट चुकी है। एसबीआई ने एफडी की मौजूदा ब्याज दरों में शुक्रवार को 0.10% से 0.50% कटौती का ऐलान किया। नई दरें 10 फरवरी से लागू होंगी। इसके बाद आम लोगों को 1 साल से 10 साल तक की एफडी पर 6.10% की बजाय 6% ब्याज मिलेगा। सीनियर सिटीजंस के लिए यह दर 6.60% की बजाय 6.50% होगी।
2 करोड़ रुपए से कम की एफडी पर ब्याज दर
अवधि मौजूदा ब्याज दर 10 फरवरी से ब्याज दर कमी
7-45 दिन 4.50% 4.50% 0
46-179 दिन 5.50% 5% 0.50%
180-210 दिन 5.80% 5.50% 0.30%
211 दिन से 1 साल 5.80% 5.50% 0.30%
1 साल से 2 साल 6.10% 6% 0.10%
2 साल से 3 साल 6.10% 6% 0.10%
3 साल से 5 साल 6.10% 6% 0.10%
5 साल से 10 साल 6.10% 6% 0.10%
सीनियर सिटीजंस के लिए एफडी की ब्याज दर
अवधि मौजूदा ब्याज दर 10 फरवरी से ब्याज दर कमी
7-45 दिन 5% 5% 0
46-179 दिन 6% 5.50% 0.50%
180-210 दिन 6.30% 6% 0.30%
211 दिन से 1 साल 6.30% 6% 0.30%
1 साल से 2 साल 6.60% 6.50% 0.10%
2 साल से 3 साल 6.60% 6.50% 0.10%
3 साल से 5 साल 6.60% 6.50% 0.10%
5 साल से 10 साल 6.60% 6.50% 0.10%
एमसीएलआर वाले लोन 0.05% सस्ते, रेपो रेट से जुड़े लोन की दरों में बदलाव नहीं
एसबीआई ने लोन की मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड ब्याज दर (एमसीएलआर) में सिर्फ 5 बेसिस प्वाइंट यानी 0.05% की कटौती की है। नई दरें 10 फरवरी से लागू होंगी। लोन पर एक साल की एमसीएलआर की दर 7.90% की बजाय अब 7.85% होगी। एसबीआई के ज्यादातर लोन एक साल की एमसीएलआर पर ही आधारित हैं। इसमें कटौती का फायदा रेपो रेट से जुड़े कर्ज वाले ग्राहकों को नहीं मिलेगा। उनकी ब्याज दरें आरबीआई के रेपो रेट में बदलाव करने पर प्रभावित होती हैं। आरबीआई ने गुरुवार को मौद्रिक नीति की समीक्षा में रेपो रेट में बदलाव नहीं किया।
बैंकों ने आरबीआई के रेट कट का पूरा फायदा ग्राहकों को नहीं दिया
आरबीआई ने पिछले साल फरवरी से अक्टूबर तक लगातार 5 बार में रेपो रेट 1.35% घटाया था, लेकिन बैंकों ने ग्राहकों को उतना फायदा नहीं दिया। इस दौरान एसबीआई ने एमसीएलआर में सिर्फ 0.50% कमी की। बैंकों के इस रवैए को देखते हुए आरबीआई ने 1 अक्टूबर से ब्याज दरों को रेपो रेट जैसे बाहरी बेंचमार्क से जोड़ना अनिवार्य कर दिया था। ताकि, आरबीआई रेट घटाए तो बैंकों को भी तुरंत कटौती करनी पड़े और ग्राहकों को जल्द फायदा मिल जाए। एसबीआई समेत प्रमुख बैंक ब्याज दरों को रेपो रेट से जोड़ चुके, लेकिन एमसीएलआर आधारित व्यवस्था भी जारी है। एमसीएलआर वाले ग्राहक चाहें तो रेपो रेट पर शिफ्ट हो सकते हैं। रेपो रेट से लिंक एसबीआई के 30 लाख रुपए तक के होम लोन पर प्रभावी ब्याज दर अभी 7.95% है।