भोपाल रविवार 16 फरवरी 2020। प्रदेश भाजपा के नए अध्यक्ष के नाम की घोषणा होने के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पर किसी नए चेहरे की ताजपोशी जल्द होने की संभावना बड़ गई है। मुख्यमंत्री कमलनाथ के बाद राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने इस बात की पुष्टि की है। बताया जा रहा है कि आलाकमान ने नया नाम तय कर लिया है। इसके बाद ही पार्टी के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के तेवर सख्त हुए हैं। राजनीतिक गलियारों में माना जा रहा है कि सिंधिया को अध्यक्ष नहीं बनाया जाएगा। कांग्रेस आलाकमान की मंशा सिंधिया को राज्यसभा में भेज उनकी प्रदेश में सक्रियता कम करने की है। पीसीसी का नया अध्यक्ष आदिवासी वर्ग का हो सकता है।
शनिवार रात मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ग्वालियर में कहा था कि मप्र कांग्रेस के नए अध्यक्ष का नाम जल्द ही पार्टी हाईकमान सोनिया गांधी तय करेंगी। प्रदेश में सत्ता और संगठन से जुड़े मसलों को लेकर सीएम ने कहा कि दोनों के बीच बेहतर समन्वय बनाने की दिशा में कारगर कदम उठाए जाएंगे। दिल्ली में समन्वय समिति की बैठक में इस पर चर्चा हुई है। बैठक में पंचायत और निकाय चुनावों की तैयारी को लेकर भी चर्चा हुई है। उल्लेखनीय है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक लंबे समय से पार्टी हाईकमान के सामने यह बात उठाते रहे हैं कि उनके नेता को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी जाए।
बताया जा रहा है कि खुद को प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनाए जाने की भनक ज्योतिरादित्य सिंधिया को पहले ही लग चुकी है। इसीलिए उन्होंने टीकमगढ़ में अपनी ही सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने की धमकी दी। इसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ को कहना पड़ा कि सिंधिया चाहे तो सड़क पर उतर जाएं। इधर, राजधानी भोपाल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की ताजा दौड़ में कई नाम लिए जा रहे हैं। इसमें बाला बच्चन, सज्जन सिंह वर्मा, कांतिलाल भूरिया, बिसाहू लाल साहू, अजय सिंह, उमंग सिंघार, रामनिवास रावत, और जीतू पटवारी का नाम शामिल है। हालांकि जिस तरह से भाजपा ने राकेश सिंह को हटाकर वीडी शर्मा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है उसे देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि जिस तरह से भाजपा ने वीडी शर्मा को अध्यक्ष बना कर चौंकाया है। ऐसा ही कोई नाम कांग्रेस की तरफ से आ जाए तो कोई हेरत की बात नहीं हैं।
कांग्रेस के सुत्रों का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का नाम लगभग तय हो चुका है। अगले सप्ताह इसके घोषित होने की उम्मीद है। पूरी रणनीति आगामी महीनों में नगरीय निकायों के चुनाव को ध्यान में रखकर बनाई जा रही है। संभावना है कि पीसीसी का अध्यक्ष आदिवासी वर्ग का हो। फिलहाल कांतिलाल भूरिया के अध्यक्ष नियुक्त किए जाने की संभावना ज्यादा जताई जा रही है।
मप्र समन्वय समिति की बैठक से जल्दी चले गए सिंधिया
नई दिल्ली में शनिवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ के निवास पर बुलाई गई मप्र समन्वय समिति की बैठक से सिंधिया जल्दी उठकर चले गए। हालांकि, मप्र प्रभारी दीपक बावरिया ने कहा कि उन्होंने मुझे पहले ही बता दिया था कि वह बैठक से कुछ और कार्यों की वजह से जल्दी चले जाएंगे। बावरिया ने कहा कि समन्वय समिति की बैठक में पार्टी नेताओं के बीच आपसी बयानबाजी को लेकर अनुशासन बनाने पर भी चर्चा हुई है। इसके साथ ही सरकार की एक साल के कार्य और निर्णय को लेकर जनता पर उसके असर और आगामी पंचायत चुनावों में कांग्रेस की रणनीति को लेकर चर्चा हुई।