धार-तिरला (शनिवार 8 फरवरी 2020। सिर्फ 35 हजार के लिए मनावर के बोरलाई में जघन्य हत्याकांड हो गया। सांवेर के किसान जिस युवक सुनील को मजदूरी के लिए लेकर जा रहे थे। सूत्रों के अनुसार उसने पुलिस के सामने खुलासा किया है कि मुझे किसानों को 35 हजार रुपए देने थे। पैसे लेने ही किसान कार में अपने साथियों के साथ गांव आए थे। जहां किसानों ने सुनील से पैसों को लेकर बात की। जिस पर सुनील बोला कि पिता से बात कर लो। इसी दौरान किसानों व ग्रामीणों में विवाद हो गया। किसान सुनील को कार में बैठाकर लेकर गए। चीराखान में बस के सामने आने पर किसान कार से उतरे तभी सुनील फरार हो गया। कार में मजदूर नहीं होने के बाद भी भीड़ ने पीछा कर चीराखान से 12 किमी दूर बोरलाई में वाहनों को रोककर इस जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया।
उधर, शुक्रवार को तिरला पुलिस ने भाजपा के पूर्व सरपंच सहित चार लोगों को कोर्ट में पेश किया। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। पुलिस ने अब तक मामले में छह आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि 15 आरोपितों को चिन्हित किया है। लेकिन वे गांव छोड़कर फरार हो गए हैं। वे जंगलों में छिपे हुए हैं। तिरला सहित अन्य टीम आरोपितों को ढूंढने के लिए गांवों के साथ ही जंगल की खाक छान रही है।
घटना में सबसे ज्यादा भीड़ जूनापानी गांव से जुटी थी। पुलिस ने वीडियो के आधार पर आरोपितों को चिन्हित कर लिया है। सबसे ज्यादा आरोपित जूनापानी के ही हैं। पुलिस ने बोरलाई और लिम्दा से दो आरोपितों को पकड़ा है। इसमें मंगलसिंह पिता भुवानसिंह निवासी लिम्दा और दूसरा दिनेश पिता मांगू है, जो बोरलाई का रहने वाला है। एक इरिगेशन विभाग में कर्मचारी है।
एसपी कार्यालय में लगे नारे- गणेश के हत्यारों को फांसी दो
अखिल भारतीय चंद्रवंशी क्षत्रिय खाती समाज व किसानों ने बोरलाई हत्याकांड को लेकर एसपी कार्यालय में नारेबाजी की। नारे लगाए गए कि गणेश के हत्यारों को फांसी दो। उन्होंने चेतावनी दी है कि 48 घंटे में सभी आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो किसान जिले के साथ ही प्रदेश में किसानों का आंदोलन होगा।
समाज के लोगों ने कहा कि मामले में कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। वीडियो में दिख रहा है कि कौन जिम्मेदार है। जिले में पहली ऐसी घटना है। कड़ी कार्रवाई नहीं होगी तो क्षेत्र में ऐसी घटना फिर हो सकती है। समाज व किसानों ने कहा कि 48 घंटे में मांग अनुसार कार्रवाई नहीं होगी तो किसान आंदोलन करेंगे। उन्होंने मांग रखी कि आरोपितों पर ऐसी धाराएं लगाई जाएं कि उन्हें फांसी की सजा हो। मृतक के परिवार को 50 लाख का मुआवजा दिया जाए। मजदूर और किसान में शासन व प्रशासन को मजदूरी को लेकर समन्वय बैठाना होगा।
कोर्ट पेशी में आया पूर्व सरपंच जूनापानी बोला- मैं बचाने में लगा था
तिरला पुलिस शुक्रवार शाम को पूर्व सरपंच रमेश जूनापानी सहित चारों आरोपितों को धार कोर्ट में लेकर पहुंची। जूनपानी ने कहा कि उसे रात 3 बजे उठाया गया था। उसका कहना है कि वह घटना के वक्त लोगों को समझा रहा था। उसने भी खुद जीराखान चौकी पर पुलिस को फोन किया था।
इसलिए सुनील को ले जा रहे थे, पहले मुकेश नाम के मजदूर को लेकर गए थे
कुछ दिन पहले सांवेर के किसान 80 हजार रुपए नहीं देने पर मुकेश नाम के मजदूर को लेकर गए थे। जिसे गांव के कुछ लोग बाइक लेकर छुड़ाने गए थे। वे 50 हजार रुपए लेकर गए। जिस पर किसानों ने मुकेश को तो वापस भेज दिया था, लेकिन उनकी बाइक रख ली। इस बार भी किसानों को लगा था कि वह मजदूर को लेकर जाएंगे तो पैसा वापस मिल जाएगा, लेकिन इस बार लोगों ने विवाद के बाद घटना को अंजाम दिया। इसने इतना बड़ा रूप ले लिया कि इस बात का किसानों को भी अंदाजा नहीं होगा।
घटना के दिन की पूरी कहानी...
बताया जा रहा है कि सुनील व ऊंकार सहित अन्य पांच मजदूरों से किसानों को पैसा लेना था। वे पैसा लेकर गुजरात चले गए थे। किसानों को सूचना मिली कि खिरकिया गांव में शादी कार्यक्रम में वे लोग आए हैं तो पैसा उनसे मिल जाएगा। हालांकि पैसों को लेकर पहले भी ग्रामीणों से बात कर चुके थे। पैसों को लेकर 5 फरवरी का दिन तय हुआ था। किसान गांव पहुंचे तो सुनील से 35 हजार लेना था। किसानों से सुनील ने कहा पिता से पैसों को लेकर बात कर लो। इस दौरान किसानों व ग्रामीणों के बीच में विवाद हो गया। किसान सुनील को कार में बैठाकर ले जाने लगे। ग्रामीणों ने अफवाह फैला दी कार में बच्चा चोर है। धीरे-धीरे भीड़ जुटती गई। जूनापानी से ज्यादा लोग कारों के पीछे लग गए। ग्रामीणों ने सुनील को कार में बैठा देखा था, लेकिन बोरलाई से करीब 12 किमी पहले कार रुकने पर किसान नीचे उतरे तो सुनील वहां से गायब हो गया। इसके बाद किसान कारों से भागे, लेकिन बोरलाई में कार में मजदूर नहीं होने के बावजूद भीड़ ने किसानों पर हमला कर दिया।