भोपाल गुरूवार 23 जनवरी 2020 . कलेक्टोरेट में बुधवार शाम 6 बजे... हाउसिंग सोसायटी के पीड़ितों को जमीन का मालिकाना हक दिलाने के लिए कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने विशेष जनसुनवाई की। कलेक्टर ने न्यू फ्रेंडर्स सोसायटी के सदस्य पीए पुरुषवानी से पूछा कि प्लॉट कब खरीदा था?
पुरुषवानी ने कहा- 1985 में प्लॉट के लिए 13 हजार रुपए में जमा किए थे।
कलेक्टर ने सहकारिता विभाग के अफसर से पूछा- इस सोसायटी का स्टेटस क्या है?
अफसर बोले - सोसायटी में प्लॉट के लिए जगह नहीं बची है। सदस्य को ब्याज समेत रुपए वापस किए जा सकते हैं।
पुरुषवानी बोले- सर, ये कैसा न्याय। अब रुपए नहीं, प्लॉट ही चाहिए। कलेक्टर ने सहकारिता विभाग के अफसरों को तीन दिन की मोहलत दोबारा सोसायटी की जांच करने के लिए दी है।
कुछ इसी तरह के मामले विशेष सुनवाई में आए। कुछ सोसायटी सदस्यों ने शिकायत की कि वरीयता सूची में उनका नाम था लेकिन फिर भी दूसरों को प्लॉट दे दिया गया है। इस पर कलेक्टर ने उनसे कहा कि पहले जांच होगी उसके बाद ही आवंटन किया जाएगा। सहकारिता विभाग के जो नियम है उसकी के तहत प्लॉट आवंटित किया जाएगा। संबंधित को इसकी सूचना दी जाएगी। इस दौरान कलेक्टर और एडीएम सतीश कुमार एस ने एक-एक आवेदक से अलग-अलग पूछताछ की और उसकी समस्या का समाधान पर चर्चा की गई। इस दौरान पेरिस हाउसिंग सोसायटी के तीन सदस्य रोशनसिंह नेगी, दिलीप गजभिये और भगवती राठौर को प्लॉट दिलाया गया।
बुधवार को ....12 हाउसिंग सोसायटी के करीब 50 सदस्यों को बुलाया
03 लोगों को मिले प्लॉट
47 शिकायतों का समाधान
कलेक्टर फिर बोले
जिस सोसायटी में जमीन नहीं ब्याज सहित रुपए लौटाएं। वरना प्रॉपर्टी कुर्क होगी। एफआईआर भी की जाएगी।
यह भी.... किसी को मिला प्लॉट, किसी को सिर्फ पैसे देने के निर्देश
गुलाबी हाउसिंग सोसायटी : गुलाबी हाउसिंग सोसायटी की सदस्य रामकली बाई पहुंची। कलेक्टर से कहा कि 1990 में सोसायटी में प्लॉट लेने 34 हजार जमा किए थे। प्लॉट नहीं मिला। अफसरों से कलेक्टर ने पूछा कि इनकी समस्या का समाधान कैसे हो सकता है। अफसरों ने कहा कि सोसायटी में जमीन नहीं बची है। रामकली बाई ने कहा कि ब्याज सहित उनकी राशि लौटाई जाए। कलेक्टर ने राशि लौटाने के निर्देश सोसायटी को दिए हैं।
पेरिस हाउसिंग सोसायटी : साकेत नगर निवासी राेशनसिंह नेगी ने बताया कि उनकाे पेरिस हाउसिंग साेसायटी में प्लाॅट अावंटित कर दिया गया है। वर्ष 2000 में 30 हजार रुपए में साेसायटी में प्लाॅट 30 खरीदा था। रजिस्ट्री करा ली थी। लेकिन अध्यक्ष ने कब्जा नहीं लेने दिया। उल्टा यह कह दिया कि साेसायटी की जमीन नहर में निकल गई है। पिछले दिनों सुनवाई के बाद सोसायटी से प्लॉट दिलाया।
यहां सख्त निर्देश : श्रीराम सोसायटी के पदाधिकारी से जिला प्रशासन के अफसरों ने कहा कि जमीन अधिग्रहित कर समितियों के सदस्यों को जमीन दिलाएं। भेल संगम गृह निर्माण समिति से कहा कि वे वरीयता सूची बनाकर लोगों के रिकार्ड बुलाएं और प्लॉट दिलाने की प्रक्रिया शुरू करें। छत्रसाल गृह निर्माण सोसायटी के पदाधिकारियों को कहा कि यदि जमीन की रजिस्ट्री है तो संबंधित सदस्यों को तुरंत पजेशन दें।
एडीएम ने सहायक उपायुक्त से कहा- बाहर निकल जाओ
जनसुनवाई के दौरान एडीएम सतीश कुमार एस और सहकारिता विभाग के सहायक उपायुक्त छविकांत बाघमारे के बीच विवाद हो गया। एडीएम से कहा कि पूरे इंस्पेक्टर क्यों नहीं आए हैं, इस पर उन्होंने कहा कि सोसायटी के लोगों को बुलाया था। इंस्पेक्टर को नहीं इस पर एडीएम ने कहा कि आप मुझको मत समझाओ, बाहर जाओ। नाराज होकर सहायक उपायुक्त बाहर चले गए।