नई दिल्ली शुक्रवार 31 जनवरी 2020 Budget Session 2020 की शुरुआत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ हुई। राष्ट्रपति ने संसद कें केंद्रीय कक्ष में दोनों सदनों को संबोधित किया। राष्ट्र्पति ने अपनी सरकार की नीतियों के बारे में बताया। खासतौर पर जब उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून की बात ही तो सत्ता पक्ष की ओर से तालिया बजीं। हालांकि इस दौरान काली पट्टियां बांधे बैठे विपक्षी दलों ने हंगामा करने की कोशिश भी की। पढ़िए राष्ट्रपति के अभिभाषण की बड़ी बातें-
- विभाजन के बाद राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि- “पाकिस्तान के हिंदू और सिख, जो वहां नहीं रहना चाहते, वे भारत आ सकते हैं। उन्हें सामान्य जीवन मुहैया कराना भारत सरकार का कर्तव्य है। मुझे प्रसन्नता है कि संसद के दोनों सदनों द्वारा नागरिकता संशोधन कानून (CAA) बनाकर, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की इच्छा को पूरा किया गया है। हम सभी इस बात के साक्षी रहे हैं कि समय के साथ पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर होने वाला अत्याचार और बढ़ा है । हाल ही में ननकाना साहिब में जो हुआ, वो हम सभी ने देखा।
मैं पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार की निंदा करते हुए, विश्व समुदाय से इसका संज्ञान लेने और इस दिशा में आवश्यक कदम उठाने का भी आग्रह करता हूं। मेरी सरकार यह पुन: स्पष्ट करती है कि भारत में आस्था रखने वाले और भारत की नागरिकता लेने के इच्छुक दुनिया के सभी पंथों के व्यक्तियों के लिए जो प्रक्रियाएं पहले थीं, वे आज भी वैसी ही हैं। किसी भी पंथ का व्यक्ति इन प्रक्रियाओं को पूरा करके, भारत का नागरिक बन सकता है। शरणार्थियों को नागरिकता देने से किसी क्षेत्र और विशेषकर नॉर्थ ईस्ट पर कोई सांस्कृतिक प्रभाव न पड़े, इसके लिए भी सरकार ने कई प्रावधान किए हैं।
नई दिल्ली. निर्भया के गुनहगारों को डेथ वॉरंट के हिसाब से 1 फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी पर लटकाया जाए या नहीं। इस पर पटियाला हाउस कोर्ट शुक्रवार को फैसला सुनाएगा। दोषियों में शामिल अक्षय ठाकुर, पवन गुप्ता और विनय शर्मा की याचिका पर सुनवाई के दौरान तिहाड़ प्रशासन ने कहा- चार दोषियों में से सिर्फ विनय की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है। ऐसे में दोषियों को अलग-अलग फांसी दे सकते हैं। तीन दोषियों मुकेश, पवन और अक्षय को 1 फरवरी को फांसी पर लटकाया जा सकता है। इस पर दोषियों के वकील एपी सिंह ने आपत्ति जताई। उन्होंने फांसी को अनिश्चितकाल के लिए टालने की मांग की।
एपी सिंह ने कहा कि एक दोषी की याचिका लंबित होने से बाकी दोषियों को फांसी नहीं देना गैर-कानूनी होगा। उन्होंने गुरुवार को भी कोर्ट से 1 फरवरी को फांसी पर रोक लगाने की मांग की थी। इसके लिए दिल्ली प्रिजन मैनुअल का हवाला दिया था। उन्होंने कोर्ट को बताया था कि अभी दोषियों के पास दया याचिका समेत कानूनी विकल्प हैं। इस पर अदालत ने तिहाड़ प्रशासन से स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी। पटियाला हाउस कोर्ट ने 17 जनवरी को दूसरा डेथ वॉरंट जारी किया था। इससे पहले 7 जनवरी के पहले डेथ वॉरंट में फांसी की तारीख 22 जनवरी तय की गई थी।
दोषी पवन का एक और पैंतरा, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की
उधर, दोषी पवन गुप्ता ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दायर की। शीर्ष अदालत ने गैंगरेप के वक्त उसके नाबालिग होने का दावा खारिज कर चुकी है। अब उसने इसी फैसले को चुनौती दी है। शीर्ष अदालत गुरुवार को अक्षय की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज कर चुकी है। उसने जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच से फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की मांग की थी। विनय ने बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को दया याचिका भेजी। उसकी क्यूरेटिव पिटीशन पहले ही खारिज हो चुकी है। राष्ट्रपति ने दोषी मुकेश सिंह की दया याचिका 17 जनवरी को खारिज कर दी थी। इस फैसले की न्यायिक समीक्षा को लेकर लगाई याचिका भी सुप्रीम कोर्ट ठुकरा चुका है। अब मुकेश के पास फांसी से बचने का कोई रास्ता नहीं है।
फांसी की सजा में दोषियों के लिए प्रावधान बदलने की याचिका पर सुनवाई होगी
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार की याचिका पर सुनवाई के लिए राजी हो गया है। सरकार ने 2014 के सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले में बदलाव की मांग की, जिसमें दया याचिका खारिज होने के 14 दिन बाद ही फांसी देने की व्यवस्था दी गई थी। याचिका में गृह मंत्रालय ने कहा- मौत की सजा पर क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल करने के लिए समय सीमा तय की जाए। डेथ वॉरंट मिलने के बाद 7 दिन में ही दया याचिका लगाने का नियम रहे। दया याचिका खारिज होने के बाद 7 दिन में डेथ वॉरंट और अगले 7 दिन में फांसी हो, भले ही बाकी दोषियों की कोई भी याचिका लंबित हो। मौजूदा गाइडलाइंस के मुताबिक, किसी भी दोषी की कोई भी याचिका लंबित होने पर उस केस से जुड़े बाकी दोषियों को भी फांसी नहीं दी जा सकती है। इसके चलते दोषी को कानून से खेलने और फांसी टालने का मौका मिल जाता है।